समाज का कड़वा सच-13
जीते जी जिन्हें अबतक सुहाया , उसकी मृत्यु पर सुनाये , देखो शोक संदेश निस्वार्थ सेवा और क्या क्या कहे , कैसे झूठे दे उपदेश, स्वार्य में घिरा ये संसार, यहाँ किसी का न कोई ठौर, सबकी अपनी - अपनी गठरी, मन में मिल जाये कुछ ओर, मरने वाला मर चुका, पिछा छुड़ाओ , दे दो उसको ईनाम, अपनी - अपनी सुध लिये, यहाँ सबके बहुतेरे है काम, मजदूर को हक मिले, अफसर यूनियन कमाये नाम, उसकी कमी कौन पूरा करे , चूके न चुकाये उसका दाम .......
सभी की सर्व सम्मति से यह तय हुआ कि , अब और ज्यादा भीरू के केश को न खींचा जाए , क्योंकि पहले से ही ऊपरी जात विभाग से प्रेशर आ चूका हैं , और आला अफसरों का भी आदेश है कि जितना जल्दी हो सके इस केश को रफा दफा किया जाये ,और प्रोडक्शन टार्गेट की भरपाई हेतू नयी रन रीति तैयार कि जाये , चूंकि टारगेट और सी . आर . की जब बात आती है, तब तो यहाँ कोई किसी की नहीं सुनता , क्योकि उसी के आधार पर प्रमोशन और वेतन दोनों ही जुड़ा है , जिसको पाने के लिए व्यक्ति जब खुद को ही दाव पर लगा सकता है तो भला भीरूकी मौत को कौन तज्ज्वों देता ......
सबने मिलकर नए स्टेटमेंट तैयार किये , और यह निष्कर्ष निकाला कि यूनियन की सभी मांगों को पूरा किया जायेगा, और अब सभी शांतिपूर्वक भीरूके परिवार को भरपाई की राशि , जो क्षति के बदले मिलती, एक सप्ताह के अंदर दे दी जाएगी ।
जो सर्विस सीट में लिखा गया होगा , बाकी की कार्रवाई भी उसी के अनुसार होगी , फिर भी यदि कोई भूल चूक हुई हो तो उसमें सुधार कर, जिसमें सबकी सम्मति होगी , सही साक्ष्य प्रस्तुत करने पर उनको माना जायेगा , और अब सभी शांतिपूर्वक खान में प्रोडक्शन को बिना प्रवाहित किये अपने - अपने कार्य करे ।
सबकी बातों को ध्यान में रखा जाएगा , जिसको जैसा कहा गया है , उचित सुविधा भी दी जाएगी । बस शर्त एक है कि जैसा मैनेजमेंट चाहता है , स्टेटमेंट उसी के अनुसार तैयार किया जाये, इसका मतलब सीधा साफ था कि सभी को अपनी -अपनी रिश्वत मिल गई । अब सब अपने - अपने काम में लग जाये.........
इसी क्रम में मुझे भी अब शिफ्ट ड्यूटी से निकाल कर जनरल शिफ्ट में स्थानांतरित कर दिया गया, और भीरु के परिवार की देखभाल और सभी कार्यक्रमों को अच्छे से निपटाते हेतू पूरे छः माह की सवेतन छुट्टी सभी सुविधाओं के साथ बिना रोक टोक के प्रधान करने की घोषणा की गई हैं । आला अधिकारी सभी दस्तावेजों को मौखिक और लिखित तौर पर पढ़कर सुनाते रहे । और सबके चेहरे पर संतुष्टि का भाव देखकर अपनी योजना में सफलता प्राप्त होने की खुशी में सबकों दोपहर भोजन के लिए और रात्रि संगोष्टि की घोषणा कर बैठे ........
यह वास्तव में कन्फर्मेशन का एक आसान तरिका है , खैर जो भी हो , सभी ने मिलकर मजदूर जिन्दाबाद के नारे लगाये , और मेरे चेहरे पर झलकने वाली अस्वीकृति को मिटाने हेतू रमन ड्राइवर जो अभी तक यही खड़ा सब तमाशा देख रहा, मेनेजर साहब के इशारे पर , भीरु भाई अमर रहे..... सबके सुचक बने रहे ......... कहते हुये जोरदार नारे लगाये ....
जिनका शोर इतना था कि एक पल के लिए मुझे ऐसा लगा कि जैसे भीरू को भी सारा सम्मान एक साथ आज ही मिल गया होगा , जब बात भीरू की थी तो मैं भी शांत न रह सका , और रुंधे गले से भीरु अमर रहे .....भीरु अमर रहे....... के शोध में शामिल हो गया ।
क्रमशः................
Gunjan Kamal
07-Nov-2023 05:57 AM
👏👌🙏🏻
Reply